New Parliament Building- ‘नए संसद भवन की जरूरत को लेकर अक्सर बातें करते थे’, विपक्षी दलों के विरोध के बीच उमर अब्दुल्ला बोले- नया संसद भवन स्वागत योग्य

New Parliament Building: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से पहले विपक्षी दलों के कई नेताओं की तीखी, आलोचनात्मक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। विपक्षी दलों के कई नेता नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम क

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New Parliament Building: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से पहले विपक्षी दलों के कई नेताओं की तीखी, आलोचनात्मक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। विपक्षी दलों के कई नेता नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार कर चुके हैं। इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को अपनी राय जाहिर की, जो विपक्षी दलों के सभी नेताओं से इतर है।

उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘नया संसद भवन स्वागत योग्य है और यह भव्य दिखती है। उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे वक्त की है, जब उनकी पार्टी समेत विपक्ष के कई दलों ने नये संसद भवन के उद्धाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने का ऐलान कर चुके हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि जब वह लोकसभा सदस्य थे, तब उनके कई सहकर्मी एक नए और बेहतर संसद भवन की जरूरत को लेकर अक्सर बातें किया करते थे।

नए संसद भवन को लेकर अक्सर बातें करते थे: उमर अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा, “इसके उद्घाटन को लेकर मचे घमासान को कुछ क्षणों के लिए एक तरफ रख देते हैं। यह (नया संसद भवन) स्वागत करने योग्य है। पुराने संसद भवन का शानदार योगदान रहा है, लेकिन वहां कुछ वर्षों तक काम करने वाले व्यक्ति के तौर पर, हममें से बहुत से लोग नए और बेहतर संसद भवन की जरूरत के बारे में अक्सर आपस में बात करते थे।”

कई विपक्षी दल कर चुके बहिष्कार

उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘देर आए दुरुस्त आए’, और यह नया संसद भवन भव्य दिखता है।’ कांग्रेस, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी, समेत 19 विपक्षी दलों ने बुधवार को घोषणा की थी कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्धाटन किए जाने का बहिष्कार करेंगे। विपक्षी दलों के संयुक्त पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में नेशनल कॉन्फ्रेंस भी शामिल है।

प्रधानमंत्री 28 मई को करेंगे नई संसद का उद्घाटन

पीएम मोदी रविवार (28 मई, 2023) को नया संसद भवन देश को समर्पित करेंगे। इस दौरान पीएम सेंगोल को सदन में सभापति के आसन के पास स्थापित करेंगे। यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा। 14 अगस्त 1947 की रात को एक अनूठी प्रक्रिया के तहत अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण के तौर पर पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इसे स्वीकार किया था। जिसे अब नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा।

जानिए क्या है सेंगोल?

सेंगोल शब्द का अर्थ भाव और नीति पालन से जुड़ा है। भारत में चोल साम्राज्य की आठवीं शताब्दी से चली आ रही ये सभ्यतागत प्रथा है। सेंगोल को संप्रभुता के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। सोने या चांदी से बना ये राजदंड शक्ति और अधिकार का प्रतीक होता है। संस्कृत शब्द ‘संकु’ से लिया गया संगोल है। इसका उपयोग राजाओं के अधिकार को दर्शाने के लिए किया जाता था।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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